केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ब्रिटिश राज में बने आईपीसी और सीआरपीसी जैसे कानूनों को बदले जाने की वकालत की है. उन्होंने कहा कि अब ये कानून अप्रासंगिक हो चुके हैं. आज की जरूरतों के मुताबिक इन कानूनों में आमूलचूल परिवर्तन किया जाएगा. अमित शाह शुक्रवार को 47वीं अखिल भारतीय पुलिस साइंस कांग्रेस-2019 के समापन के अवसर पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि पुलिस चाह ले तो कोई चीज असंभव नहीं है.
गृहमंत्री ने कहा, "समय के अनुसार, आईपीसी और सीआरपीसी में बदलाव की जरूरत है. ये कानून तब बनाए गए थे, जब हम पर अंग्रेज शासन करते थे. उनकी प्राथमिकता में भारत के नागरिक नहीं थे, अब जब हम आजाद हैं तो इसमें जनता की सहूलियत के मुताबिक बदलाव की जरूरत है." इसके लिए उन्होंने राज्यों से भी सुझाव मांगा है.
क्यों तोंद वाले पुलिसकर्मियों का उड़ता है मजाक
अमित शाह ने कहा कि जनता का नजरिया पुलिस के लिए और पुलिस का नजरिया जनता के लिए बदलना जरूरी है. फिल्मों में तोंद वाले पुलिसकर्मी को दिखाकर उसका मजाक उड़ाया जा सकता है, लेकिन यह भी समझने की जरूरत है कि पुलिसकर्मियों पर सुरक्षा की कितनी जिम्मेदारी होती है.
गृहमंत्री ने कहा, "लोग दिवाली मना रहे होते हैं, पुलिसकर्मी सुरक्षा में लगे होते हैं. लोग छुट्टी लेकर घर जाते हैं, होली खेलते हैं लेकिन पुलिसकर्मी इस चिंता में रहते हैं कि कहीं कोई दंगा न हो जाए. पुलिस विभाग के 35 हजार जवानों ने अपनी शहादत दी, जिसके बाद इस देश के लोग आज खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं."